“तरन्नुम खान की कहानी: एक त्रासदी जो समाज को चेतावनी देती है”1

तरन्नुम खान की कहानी :- तरन्नुम खान नाम की एक युवती, जो बांग्लादेश की रहने वाली थी, एक साधारण परिवार से आती थी। उसके पिता एक दर्जी थे और उनका घर चलाने का पूरा ज़रिया यही था। तरन्नुम का बचपन सामान्य था, लेकिन किशोरावस्था में गलत फैसलों ने उसकी जिंदगी को एक अलग दिशा दे दी।

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आज का केस एडल्ट इंडस्ट्री से संबंधित है। हालांकि, मैं चाहता हूं कि यह वीडियो केवल 18 वर्ष और उससे ऊपर के लोग ही देखें, ताकि कम उम्र के लोग इसे न देखें, लेकिन दूसरी ओर, मुझे लगता है कि इस प्रकार की जानकारी सभी को होनी चाहिए। आजकल के बच्चे इतने एडवांस हो गए हैं कि 12-13-14 साल के बच्चे भी खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए मैं चाहता हूं कि कम से कम उन्हें यह जानने का मौका मिले कि उन्हें कौन से गलत कदम नहीं उठाने चाहिए,

तरन्नुम खान एक बेड पर लेटी हुई थी। चारों ओर लाइटें जल रही थीं, और वह फिल्म की शूटिंग कर रही थी। यह सब उसके लिए नया था, और वह थोड़ी डरी हुई और थोड़ी उत्साहित भी थी, क्योंकि उसे यह सब पसंद था। तभी दरवाजा खुलता है और सामने एक व्यक्ति की एंट्री होती है, जो लेटेक्स स्टील के नाम से जाना जाता है। वह एक सात फीट का व्यक्ति था, और उसकी शारीरिक संरचना बहुत मजबूत और हट्टे-कट्टे होती है, जैसा कि उस क्षेत्र के लोग होते हैं।

चूंकि वह एक बांग्लादेशी लड़की थी, यह देखकर वह पूरी तरह से घबरा जाती है। शूटिंग एक एडल्ट फिल्म की थी, और जब लेटेक्स स्टील आता है, तो दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनना शुरू होते हैं। जब लेटेक्स स्टील पूरी तरह से तैयार हो जाता है, तो वह अपने कपड़े उतारता है, और यह देखकर तरन्नुम बिल्कुल चौंक जाती है।

जैसा कि मैंने बताया, वहां के लोगों का शारीरिक ढांचा बहुत बड़ा और मजबूत होता है। जब तरन्नुम उसकी शारीरिक संरचना देखती है, तो वह डर के मारे पूरी तरह से हक्का-बक्का हो जाती है। कोई भी लड़की इस स्थिति में ऐसा ही महसूस करेगी, खासकर जब वह एक अडल्ट मूवी की शूटिंग में हो। जैसे ही लेटेक्स स्टील आता है, दोनों के बीच संबंध बनना शुरू हो जाते हैं। इसी दौरान, जब लेटेक्स स्टील पूरी तरह से तैयार हो जाता है और अपने कपड़े उतारता है, तो तरन्नुम उसे देखकर पूरी तरह से चौंक जाती है।

जैसा कि मैंने तुम्हें बताया, वहां के लोगों का शारीरिक ढांचा काफी मजबूत और भिन्न होता है। जब तरन्नुम ने उस व्यक्ति के शरीर के कुछ अंग देखे, तो वह डर के मारे बिल्कुल हक्की-बक्की रह गई। उसे अंदाजा नहीं था कि ऐसा कुछ होगा। वह सोचने लगी, “मैं यह सब कैसे झेल पाऊंगी, मैं इसे बर्दाश्त कैसे करूंगी?” इस डर से उसने अपने डायरेक्टर से कहा कि वह वहां से जाना चाहती है, उसे काम नहीं करना है और वह पैसे भी नहीं चाहती, बस उसे वहां से जाने दो।

तरन्नुम खान की कहानी
तरन्नुम खान की कहानी

लेकिन अब तक वह 7 फुट का व्यक्ति, ‘लेटेक्स स्टील’, पूरी तरह से तैयार हो चुका था। उसने जबरदस्ती तरन्नुम को बेड पर पटक दिया और उसके हाथ बांध दिए। इसके बाद उसने उसके साथ काम करना शुरू कर दिया। मूवी की शूटिंग बिना उसकी इच्छा के, जबरदस्ती शुरू हो गई और यह सिलसिला लगातार तीन बार चला। तरन्नुम कुछ भी नहीं कर सकती थी, क्योंकि वह अपनी मर्जी से वहां आई थी और इस इंडस्ट्री में ऐसा ही होता है—यहां तुम्हारी मर्जी की कोई अहमियत नहीं होती।

उसने लगातार तीन बार इतनी क्रूरता और बदसलूकी के साथ तरन्नुम के साथ शारीरिक संबंध बनाए कि उसके बाद तरन्नुम अगले तीन दिनों तक ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। उसकी हालत बहुत बुरी हो गई थी। तीन दिन बाद उसका एजेंट आता है और बताता है कि आपकी अगली शूटिंग कल है।

यह सुनकर तरन्नुम पूरी तरह से टूट जाती है और सोचने लगती है, “अब क्या होगा? मैं कैसे जीऊं? मैं तो मर जाऊंगी।”तरन्नुम कौन है, वह वहां तक कैसे पहुंची, और अगर अपनी मर्जी से गई थी तो मना क्यों कर रही थी—ये सब सवाल आपके मन में आ रहे होंगे। चलिए, थोड़ी बैकस्टोरी समझते हैं। तरन्नुम खान बांग्लादेश के जमालपुर में रहती थीं। उनके पिता अबरार खान के सात बच्चे थे, और तरन्नुम तीसरे नंबर की थीं।

अबरार खान का घर में ही सिलाई का छोटा सा काम चलता था। उन्होंने दो टेलर भी रखे हुए थे, जिनमें से एक का नाम रफीक था। रफीक का तरन्नुम से नजरें मिलना और धीरे-धीरे उनमें प्यार जैसा कुछ पनपने लगा। तरन्नुम भी अपने पिता के काम में मदद करती थीं और रफीक को पसंद करने लगीं।

एक दिन जब घर पर कोई नहीं था, तो दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए। यह एक बार हुआ, लेकिन इसके बाद जब भी मौका मिलता, दोनों फिर से करीब आ जाते। यह सिलसिला छह महीने तक चला। लेकिन छह महीने के बाद तरन्नुम का मन रफीक से भर गया। अब वह किसी और की तलाश में थी।

तरन्नुम को एक तरह से शारीरिक संबंध बनाने की लत लग चुकी थी और वह रफीक से ऊब चुकी थी। अब वह किसी नए पुरुष की तलाश में निकल पड़ी। एक 18-19 साल की लड़की इस तरह की चीजें कर रही थी, और आखिरकार उसे अपने मोहल्ले में ही एक और पुरुष मिला।

कादर के साथ तरन्नुम का फिजिकल रिलेशन शुरू हो जाता है। दोनों काफी समय तक संबंध बनाते रहते हैं। लेकिन ये बात तरन्नुम के पिता अबरार खान को पता चल जाती है। यह जानकर वे बेहद शर्मिंदा और परेशान हो जाते हैं। उनके लिए यह बहुत बड़ा झटका होता है कि उनकी बेटी किस राह पर चली गई है।

दरअसल, 15-16 साल से लेकर 24-25 साल की उम्र किसी भी माता-पिता के लिए बहुत संवेदनशील होती है। इस उम्र में बच्चे या तो अपने जीवन को संवार सकते हैं या फिर बर्बाद कर सकते हैं। यही डर अबरार खान को सताने लगता है। उन्हें समझ नहीं आता कि वे क्या करें।

ऐसे में किसी ने उन्हें सलाह दी कि पास के खाड़ी देशों में लड़के-लड़कियों की काम के लिए काफी डिमांड होती है। वहां अच्छे पैसे भी मिलते हैं। अगर तरन्नुम को वहां भेज दिया जाए तो वह घर से दूर रहेगी, व्यस्त रहेगी और इन सब गलत आदतों से दूर हो जाएगी।

यह सुझाव अबरार खान को ठीक लगता है। उन्हें लगता है कि मोहल्ले की संगत से दूर रहने और पैसा कमाने से तरन्नुम सुधर सकती है। अब वे किसी एजेंट की तलाश में लग जाते हैं, जो उसे खाड़ी देश भेज सके।

एक दिन अखबार में उन्हें एक ऐड दिखाई देता है जिसमें एजेंट का नंबर होता है। अबरार खान अपनी बेटी को लेकर उस एजेंट के पास जाते हैं। एजेंट उन्हें बताता है कि खाड़ी देशों में काम की जो रिक्वायरमेंट थी, वह पूरी हो चुकी है, लेकिन वह तरन्नुम को सूडान भेज सकता है। वहां भी अच्छा पैसा मिलता है और एडवांस में रकम भी दी जाती है।

तरन्नुम को खाड़ी देशों में भेजने की बात होती है, और उनके पिता अबरार खान मान जाते हैं। वे कहते हैं कि बस मेरी बेटी को भेज दो, ताकि वह काम करे और अपनी जिंदगी को संभाल सके। एजेंट उनसे सारे डॉक्यूमेंट तैयार करने को कहता है और प्रोसेस शुरू करने का वादा करता है। पिता-पुत्री दोनों खुशी-खुशी वापस लौट जाते हैं।

14 अगस्त 2013 का दिन आता है, जब ढाका से सूडान की फ्लाइट में तरन्नुम को बैठा दिया जाता है। उनके साथ 12-13 और लोग भी होते हैं, जो सूडान जा रहे होते हैं। सूडान पहुंचने पर वहां के एजेंट सभी को रिसीव करता है और उन्हें उनके काम की जगहों पर भेज देता है। तरन्नुम को सुलेमान कादरी के घर भेजा जाता है।

सुलेमान कादरी के घर में तरन्नुम का काम घरेलू कामों तक सीमित था—जैसे सामान लाना, सफाई करना, और घर का ध्यान रखना। एक दिन सुलेमान के घर चार लोग आते हैं: दो अफ्रीकी पुरुष और दो चीनी महिलाएं। वे खाना-पीना, पार्टी और शराब का आनंद लेते हैं। सुलेमान तरन्नुम को बार-बार काम में लगाता है—सामान लाने और सफाई करने में।

रात होती है, और तरन्नुम को आराम करने के लिए कहा जाता है। वह अपने कमरे में सोने चली जाती है। आधी रात को, अजीब-अजीब आवाजें सुनकर उसकी नींद खुल जाती है। वह आवाजों का पीछा करती है और देखती है कि पास के कमरे में दोनों अफ्रीकी पुरुष और चीनी महिलाएं शारीरिक संबंध बना रहे हैं, वह भी बहुत ही हिंसक और अजीब तरीके से। सुलेमान उन सबकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा होता है।

यह देखकर तरन्नुम हैरान और परेशान हो जाती है। लेकिन जैसा कि उसे पहले से ही इन चीजों की लत लग चुकी थी, धीरे-धीरे उसे यह सब देखने में दिलचस्पी होने लगती है। वह रातभर यह सब देखकर सुबह अपने कमरे में लौट जाती है।

इसके बाद सुलेमान की शूटिंग रोज चलने लगती है, और तरन्नुम इसे देखने आने लगती है। एक दिन, सुलेमान उसे देख लेता है। जब तरन्नुम पकड़ी जाती है, तो वह हल्की सी मुस्कान देती है और वहां से चली जाती है। सुलेमान समझ जाता है कि तरन्नुम में इन चीजों के प्रति रुचि पैदा हो रही है।

अब सुलेमान जानबूझकर तरन्नुम को काम देता है ताकि वह इन गतिविधियों को देख सके और इससे परिचित हो जाए। धीरे-धीरे, तरन्नुम इन चीजों को समझने लगती है। कुछ दिनों बाद, सुलेमान सीधे उससे पूछता है कि क्या वह इस फिल्म में काम करना चाहती है। वह उसे मोटी रकम और उसके परिवार की आर्थिक समस्याओं के समाधान का लालच देता है। तरन्नुम आखिरकार इसके लिए हां कर देती है।

उसका तो यह भी नहीं पता था कि इसके परिणाम क्या हो सकते हैं। फिर एक दिन शूटिंग का दिन आता है, और तरन्नुम बेड पर लेटी हुई होती है, उसका ड्रेसिंग वगैरह बिल्कुल उस फिल्म के स्टार जैसा किया गया है। चारों ओर लाइटें जल रही हैं, कैमरा लगा हुआ है, और तभी दरवाजा खुलता है।

सामने एक व्यक्ति की एंट्री होती है, जो कि एक लेटेक्स स्टील जैसा लगता है, जैसा मैंने पहले बताया था। वह एक सात फीट का हप्सी व्यक्ति था, जो उन जगह की लड़कियों के हिसाब से तो ठीक था, लेकिन यहाँ की लड़कियों के लिए उस शरीर का ढांचा पूरी तरह से अलग था।

लेटेक्स स्टील के बारे में यह अफवाह फैली हुई थी कि इस इंडस्ट्री की कोई लड़की उसके साथ काम नहीं करती थी, क्योंकि वह जिस तरह से संबंध बनाता था, वह बहुत ही क्रूर और हिंसक होता था। उसकी वजह से सामने वाली लड़की की हालत बहुत खराब हो जाती थी। मैं इस मामले में ज्यादा गहराई में नहीं जाना चाहता, लेकिन हां, वह बहुत बर्बर तरीके से व्यवहार करता था।

तरन्नुम को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जब उसने यह सब देखा, तो वह हक्का-बक्का रह जाती है और वहां से भागने की कोशिश करती है, जैसा कि मैंने पहले बताया था। लेकिन लेटेक्स स्टील उसे जबरदस्ती पकड़ता है, उसे फेंकता है, और उसके साथ तीन बार शारीरिक संबंध बनाता है, जिसके बाद उसकी हालत इतनी खराब हो जाती है कि वह चल भी नहीं सकती। उसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी हालत इस कदर बिगड़ने वाली है।

वह यह सोचने पर मजबूर हो जाती है कि एक सामान्य लड़की इस परिस्थिति में कैसे फंस सकती है, और उसकी स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि वह चलने भी नहीं पा रही होती। फिर यह सब खत्म होने के बाद उसे बताया जाता है कि अगले दिन फिर से शूटिंग है। यह सुनकर उसकी स्थिति और भी बिगड़ जाती है, क्योंकि वह सोचती है कि वह अब कैसे जी पाएगी।

यह जो डार्क इंडस्ट्री है, उसमें पैसा और काम ही सबकुछ है। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कल कोई लड़की बेड पर गई और फिर नहीं उठी, कोई समस्या नहीं है, क्योंकि वहां हर दिन नया चेहरा आ जाता है। काम चलता रहता है। 2015 में, सुलेमान ने तरन्नुम से शादी कर ली ताकि उसे वहां की नागरिकता मिल सके। इसके बाद, तरन्नुम इस इंडस्ट्री में इतनी घुल-मिल गई थी कि वह विदेशों में भी शूटिंग करने जाने लगी थी। अब वह उस इंडस्ट्री के इतिहास का हिस्सा बन चुकी थी।

प्रॉपर फादर साहब, अबरार खान, जिन्होंने अपनी बेटी को इस अंधेरे रास्ते से बचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश की थी, को यह सब पता चला। उन्हें यह मालूम हुआ कि उनकी बेटी इस इंडस्ट्री में फंस गई है।

अबरार खान ने अपने एजेंट से कहा कि उसे पकड़ो, क्योंकि उसने उनकी बेटी को इस रास्ते पर ढकेल दिया था। एजेंट को बांग्लादेश पुलिस ने पकड़ लिया और वहां कड़ी पूछताछ की। हालांकि, सब कुछ करने के बावजूद उन्हें कुछ भी जानकारी नहीं मिली। क्योंकि इस इंडस्ट्री में बहुत बड़े नाम जुड़े होते हैं और बहुत पैसा लगता है।

आखिरकार, बांग्लादेश पुलिस ने रिपोर्ट दी कि तरन्नुम का कोई ठिकाना नहीं है, कुछ भी नहीं पता। सिर्फ इतना पता है कि वह फिल्मों में दिख रही है, लेकिन वह कौन सी जगह पर है, जिंदा है या नहीं, यह कुछ भी नहीं पता। सिर्फ एक बात साफ थी, वह केवल एडल्ट मूवीज में ही दिखाई देती है। सोचो उस पिता पर क्या बीत रही होगी, जिसका अपने ही बेटी के बारे में ऐसा सुनना पड़ा कि उसकी बेटी का कुछ भी पता नहीं, वह कहां है, किस हालत में है, कुछ नहीं मालूम, सिर्फ एडल्ट फिल्मों में दिखाई देती है।

निष्कर्ष

इस कहानी का उद्देश्य है कि लोग सही और गलत के बीच अंतर समझें। हर व्यक्ति की जिंदगी कीमती है, और किसी भी निर्णय को सोच-समझकर लेना चाहिए। किसी भी ऐसी स्थिति में फंसने से बचें, जहां आपकी मर्जी और सम्मान के साथ समझौता हो।

सही मार्गदर्शन और जानकारी ही ऐसी समस्याओं से बचने का रास्ता है। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसा समाज बनाएं जहां हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी जीने का पूरा हक और सही दिशा मिल सके। अगर आपको यह आर्टिकल जानकारीपूर्ण लगा हो, तो कृपया इसे अपवोट करें और अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि यह आर्टिकल अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके।

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