“मैया सम्मान योजना: झारखंड की महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी पहल”

मैया सम्मान योजना :- झारखंड की “मैया सम्मान योजना” ने महिलाओं के उत्थान के लिए एक नई दिशा दी है। हाल ही में इससे जुड़ा एक बड़ा अपडेट सामने आया है। योजना के तहत, बरहेट से ₹25 लाख और राज्यभर में कुल ₹20 करोड़ ट्रांसफर करने की तैयारी चल रही है। इससे पहले, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश किया, जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए सबसे अधिक राशि आवंटित की गई।

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योजना के लिए ₹7000 करोड़ की आवश्यकता

राज्य सरकार को मैया सम्मान योजना को प्रभावी रूप से चलाने के लिए ₹7314 करोड़ की जरूरत है। साथ ही, बिजली बिल माफी के लिए अतिरिक्त ₹810 करोड़ की आवश्यकता बताई गई है। योजना को प्राथमिकता देते हुए, सरकार ने ₹6395 करोड़ आवंटित किए हैं, जिससे इस महत्वाकांक्षी योजना को सफलतापूर्वक लागू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

“क्या है मैया सम्मान योजना?”

मैया सम्मान योजना का उद्देश्य राज्य की 21 से 50 वर्ष की उन महिलाओं को हर महीने ₹1000 की आर्थिक सहायता देना है, जो किसी अन्य पेंशन योजना का लाभ नहीं ले रही हैं। यह सहायता डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधा लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाई जाती है। 19 अगस्त 2024 को योजना की पहली किस्त जारी की गई थी। अब तक इस योजना की चार किस्तें जारी हो चुकी हैं। योजना का लाभ राज्य की 51 लाख महिलाओं को मिल रहा है, और सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में अधिक महिलाओं को इस योजना में शामिल किया जाए।

झारखंड की क्रांतिकारी योजनाओं का असर

झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान, जेएमएम विधायक कल्पना सोरेन ने योजना की उपलब्धियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा,

“हमने धरातल पर क्रांतिकारी योजनाएं लागू की हैं। महिलाओं के लिए यह सम्मानजनक पहल राज्य की सामाजिक सुरक्षा में एक नई शुरुआत है।”

उन्होंने आगे कहा कि बिजली बिल माफी और किसानों के लिए ₹2 लाख तक के ऋण माफ करना इस सरकार की संवेदनशीलता और जनता के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता है।

झारखंड का भविष्य और सरकार की भूमिका

झारखंड ने हाल ही में 24 वर्ष पूरे किए हैं। राज्य के गठन से लेकर अब तक झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की भूमिका अहम रही है। विधायक कल्पना सोरेन ने कहा,

“यह हमारे आदरणीय दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के नेतृत्व का परिणाम है कि झारखंड में महागठबंधन सरकार दोबारा सत्ता में आई। यह सरकार आदिवासियों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है।”

चुनौतियां और समाधान

कल्पना सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,

“केंद्र सरकार योजनाएं बनाती है, लेकिन हमारे राज्य के गरीबों और जरूरतमंदों की चिंता नहीं करती।”

उन्होंने बिजली बिलों की समस्या और मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन की दर को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

झारखंड की नई पहचान

झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी सरकार प्रयासरत है। विधायक ने कहा,

“झारखंड के पर्यटन स्थलों की सफाई और प्रबंधन पर काम करना जरूरी है। रांची और उसके आसपास के दृश्य मनोरम हैं, लेकिन इन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है।”

जनता का विश्वास और सरकार की प्रतिबद्धता

महागठबंधन सरकार ने जनता का विश्वास जीतने के लिए अपने वादों को जमीन पर उतारने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा,

“जनता ने हमें जनादेश दिया है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी उम्मीदों को पूरा करें। हमारे हर शब्द और वादे को साकार करना ही हमारी प्राथमिकता है।”

निष्कर्ष

“मैया सम्मान योजना” झारखंड की महिलाओं के लिए न केवल आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी दे रही है। यह योजना राज्य की विकास यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है और महिलाओं को एक नई पहचान देने में सफल हो रही है।

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