वाराणसी गैंगरेप केस: 7 दिन तक गायब रही छात्रा, पुलिस की लापरवाही से टूटा परिवार

वाराणसी गैंगरेप केस: सात दिन तक गायब रही छात्रा, पुलिस करती रही अनदेखी

वाराणसी से एक बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक कॉलेज में पढ़ने वाली लड़की, जो एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है, 29 मार्च को अपने घर से किताबें खरीदने के बहाने निकली और फिर लौटकर नहीं आई। उसकी गुमशुदगी की खबर ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। मां-बाप ने दिन-रात सड़कों की खाक छानी, हर संभव कोशिश की, लेकिन बेटी का कोई सुराग नहीं मिला।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

परिवार ने अगले ही दिन पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने आश्वासन तो दिया, लेकिन सात दिन तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस बीच, वाराणसी की गलियों में लड़की को नशे की हालत में बार-बार जगाकर उसकी आबरू लूटी जाती रही।

वाराणसी गैंगरेप केस, लापता छात्रा, पुलिस लापरवाही, महिला सुरक्षा
वाराणसी गैंगरेप केस, लापता छात्रा, पुलिस लापरवाही, महिला सुरक्षा

प्रधानमंत्री का दौरा और पुलिस कमिश्नर से बातचीत

12 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वे सबसे अधिक समय शहर के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से एक विशेष केस पर चर्चा करते दिखे। पीएम ने इस केस की गंभीरता को समझते हुए साफ निर्देश दिए कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

यह वही केस था जिसमें सात दिन तक एक युवती को ड्रग्स देकर उसकी अस्मिता से खिलवाड़ किया गया और पुलिस पूरी तरह निष्क्रिय बनी रही।


29 मार्च: लड़की लापता, परिवार बेचैन

29 मार्च को लड़की किताबें खरीदने के लिए घर से निकली थी। दिन ढलने पर जब वह वापस नहीं लौटी, तो घरवालों को चिंता सताने लगी। मोबाइल स्विच ऑफ था, दोस्तों से पूछताछ की गई लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।

परिवार ने उसी रात पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने ढांढस बंधाया पर कोई कार्रवाई नहीं की।


छह दिन तक नतीजा शून्य, सातवें दिन पुलिस की नींद खुली

30 मार्च से लेकर 3 अप्रैल तक, हर दिन परिवार पुलिस स्टेशन जाता रहा, लेकिन पुलिस हर बार यही कहती रही – “हम पूरी कोशिश कर रहे हैं।”

सातवें दिन, 4 अप्रैल को अचानक पुलिस की ओर से लड़की के पिता को फोन आता है। कहा जाता है कि लड़की मिल गई है, थाने आ जाइए। थाने पहुंचने पर पता चलता है कि लड़की नशे की हालत में है, पूरी तरह होश में नहीं। पुलिस ने यह कहकर जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा लिया कि “बेटी जिंदा मिल गई, अब आप इसे घर ले जाइए।”


घर लौटने के बाद खुला दर्दनाक सच

लड़की को घर लाकर जैसे-तैसे सबने राहत की सांस ली, लेकिन उसकी हालत देखकर सभी हैरान थे। वह नशे की स्थिति में थी, असहज और डरी हुई।

6 अप्रैल को जब वह थोड़ा होश में आई, तब उसके व्यवहार में अजीब बदलाव दिखाई दिया। घर में मौजूद पुरुष सदस्यों को देखकर वह घबरा जाती, चीखने लगती।

जब उससे पूछा गया कि आखिर हुआ क्या है, तो वह रो पड़ी और दर्द से भरी एक सच्चाई बयां की।


सात दिन की दरिंदगी की आपबीती

लड़की ने बताया कि पिछले सात दिनों में उसके साथ क्या-क्या हुआ, उसे पूरी तरह याद नहीं। जब-जब वह थोड़े होश में आती, उसे लगता कि कोई उसकी इज्जत लूट रहा है। उसे कुछ पिलाया जाता जिससे वह दोबारा बेहोश हो जाती। इस दौरान उसके साथ कई बार बलात्कार किया गया।

उसकी यह आपबीती सुनकर परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई।


निष्क्रिय पुलिस और सिस्टम पर सवाल

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल पुलिस की निष्क्रियता पर उठता है। सात दिनों तक लड़की गायब रही, और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। सोशल मीडिया या मीडिया में कोई शोर न होने की वजह से पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

जब देश का प्रधानमंत्री खुद पुलिस कमिश्नर से इस केस पर चर्चा करता है, तब जाकर प्रशासन जागता है।


न्याय की उम्मीद और प्रशासन की जिम्मेदारी

यह केस न केवल वाराणसी, बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है कि आम नागरिकों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सिस्टम कितना संवेदनहीन हो सकता है।

अब जब मामला देश के सर्वोच्च नेतृत्व की नजर में आ चुका है, उम्मीद की जानी चाहिए कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


निष्कर्ष

इस वाराणसी केस ने एक बार फिर दिखा दिया कि पीड़िता को न्याय मिलने के लिए सिर्फ रिपोर्ट लिखवाना काफी नहीं होता, बल्कि मीडिया, समाज और नेतृत्व का दबाव भी जरूरी होता है।

इस तरह की घटनाएं केवल कानून व्यवस्था की कमजोरी नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक संवेदनहीनता की भी निशानी हैं। अब समय आ गया है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाए और पीड़ितों की गरिमा की रक्षा की जाए। so please share this post.

Also Read Related post :-

 

Leave a Comment