Crime Katha : “शादी समारोह” से लौटता हुआ परिवार जब अपने घर के भीतर दाखिल होने के लिए दरवाजे को खटखटाता है, तो अंदर से कोई आवाज नहीं आती। तीन-चार बार “गुड़िया, गुड़िया” कहकर बुलाते हैं, लेकिन कोई बोलने वाला नहीं होता।
शायद उन्हें लगता है कि कुछ अंदर अशुभ हो चुका है। फिर इसके बाद किसी तरह से दरवाजे को जबरदस्ती खोलने का प्रयास होता है। दरवाजा जैसे ही खुलता है, अंदर एक चौदह-पंद्रह वर्ष की, जो उनकी “गुड़िया” थी, दिखाई देती है।
“वह अर्धनग्न अवस्था में चारपाई पर मृत अवस्था में पड़ी हुई थी। घर वाले फूट-फूटकर रोने लगते हैं, क्योंकि उन्हें अचानक से ऐसा दृश्य देखने को मिलता है। सबसे बड़ी और होश उड़ाने वाली बात यह होती है कि उनकी बेटी अर्धनग्न अवस्था में है।”क्योंकि उन्हें अचानक से ऐसा देखने को मिलता है और सबसे बड़ी बात और होश उड़ाने वाली चीज रहती है कि बेटी अर्धनग्न अवस्था में है
नमस्कार मेरा नाम है NITISH SRIWASTAV आप देख रहे हैं क्राइम कथा का एक और नया ARTICALआज हम कानपुर के शिवराजपुर की एक ऐसी कहानी के बारे में बात करेंगे जो है सच्ची लेकिन आप सभी के होश और कान खड़े कर देगी दरअसल शिवराजपुर में एक मोहल्ला है
वहां पर एक लड़की है 14 से 15 साल की है जिसका प्रेम संबंध एक लड़के के साथ है लड़का तकरीबन 20 से 25 किमी की दूरी का है कुछ दिनों तक इन सब का प्रेम प्रसंग चलता रहता है छोटी सी बच्ची है यानी समझ लीजिए 14 से 15 साल की उम्र है
लेकिन एक दिन अचानक से ऐसा होता है कि बच्ची का पूरा परिवार किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए जाता है 8:00 से 9:00 बज रहे थे और बच्ची जो है वो फोन करके अपने प्रेमी को घर पे बुलाती यानी जो यह लड़की है और कहती है कि आज कोई नहीं है घर पर आ जाओ
और यहीं मुलाकात करते हैं जो दोस्त है उसका यानी प्रेमी जो है वह अपने दोस्त को फोन करता है शुरुआत में घबराता है कि घर पर कैसे जाऊं इसके बाद उसके दोस्त से उसकी बातचीत होती है और दोस्त कहता है कि यह तो बड़ी अच्छी बात है कि तुम्हें तुम्हारी प्रेमिका मिलने के लिए बुला रही है और वो भी अपने घर पे फिर पूछता है
उसका दोस्त कि आखिर मिलने के लिए क्यों बुलाया पूरी बात मुझे बताओ जो दोस्त है उसका जो प्रेमिका है उसका नाम कुलदीप है कुलदीप कहता है कि कह रही है कि उसके परिवार का कोई भी सदस्य घर पर नहीं है एक छोटी सी बच्ची है बस उसकी भतीजी है और मुझे डर लग रहा है कि कहीं मैं पकड़ा ना जाऊं उसके घर पर तो दोस्त कहता है कि नहीं अगर शादी समारोह में गए हैं
और वह बुला रही है तो बहुत अच्छी बात है लेकिन याद रखना अपने साथ में कुछ ऐसी दवाएं भी लेकर जाओ और दोस्त से वो पूछता है कैसी दवाए तो वो सेक्सुअल कुछ दवाओं के बारे में जिक्र करता है और उसे बताता है कि शक्तिवर्धक जो गोलियां हैं वह भी ले लो कुछ किट्स ले लो यह जरूरी है अगर अपने घर पर बुला रही है
“वह दौड़ा-भागा मेडिकल स्टोर पर जाता है, वहां से कुछ शक्तिवर्धक गोलियां लेता है, कुछ खा भी लेता है, और उसके बाद जैसे-तैसे अपनी प्रेमिका के घर पहुंचता है। वहां उसकी प्रेमिका, यानी ‘गुड़िया’, अपने घर में खाना बनाकर और अपनी भतीजी को सुलाकर उसका इंतजार कर रही थी। रात के करीब साढ़े आठ से नौ बजे का समय रहा होगा। यह पहुंचता है, दोनों मिलते हैं। इसके बाद बैठकर बातचीत करते हैं। फिर लड़की खाना लगाती है, दोनों खाना खाते हैं।”

“लेकिन उसके बाद, ऐसी अकड़न उसे होती है कि वह अचानक से चारपाई पर गिर जाती है। अब यह डर जाता है। इसे लगता है कि उसे कुछ हो गया है, और वह तुरंत रफूचक्कर हो जाता है। हालांकि, इन घटनाओं में, यानी प्रेमी के आने से लेकर उसके जाने तक का समय, उस दौरान उसकी भतीजी जागी रहती है। छोटी बच्ची ने यह सब घटनाएं देखी थीं।
अब जब सुबह होती है, तब परिवार वाले शादी समारोह से घर लौटते हैं। ‘गुड़िया, गुड़िया’ कहकर दरवाजे के बाहर चिल्लाते हैं। दरवाजा खटखटाते हैं, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आती। अंत में, उन्हें जबरदस्ती दरवाजा तोड़ना पड़ता है। दरवाजा तोड़कर जब वे अंदर जाते हैं, तब देखते हैं…”कि उनकी बेटी चारपाई पर अर्धनग्न अवस्था में पड़ी हुई है शुरुआत में डर जाते हैं फिर रोना धोना शुरू होता है |
“और उसके बाद, उसके शरीर पर कुछ कपड़े पहनाए जाते हैं, और जल्दी से भाग-दौड़ कर उसे अस्पताल ले जाया जाता है। अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर स्थिति देखकर तुरंत कहते हैं, ‘अब यह इस दुनिया में नहीं है, यह मृत हो चुकी है।’ पुलिस को सूचना दी जाती है। जो छोटी सी भतीजी है, प्रेमिका की, यानी उस ‘गुड़िया’ की, वह बताती है कि कल रात कोई आया था, कोई लड़का था।
इसके बाद, पुलिस को शक हो जाता है। वह मौके पर, यानी वारदात की जगह, जहां घटना घटी थी, उसी कमरे में जाती है और देखती है कि वहां पर कुछ शक्तिवर्धक गोलियों के पैकेट्स हैं कुछ ऐसे किट्स हैं अ ऐसे संबंध जो बनाने के दौरान उन्होंने यूज किए होंगे वो किट्स देखकर पुलिस को पूरा कंफर्म हो जाता है
“तकरीबन यह समझने की कोशिश की जाती है कि घटना क्या रही होगी। इसके बाद, बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है। वहां यह पता चलता है कि मौत आखिर किस वजह से हुई है। फिर, पुलिस यह जानने का प्रयास करती है कि आखिर वह शख्स कौन था। वह मोबाइल फोन, जो वहां पड़ा हुआ था, लड़की का था। उसे खंगाला जाता है। उसमें यह पता चलता है कि आखिरी डायल नंबर किसका है। उस नंबर पर फोन किया जाता है, लेकिन वह स्विच ऑफ मिलता है।
इसके बाद, किसी तरीके से उस व्यक्ति को पकड़ा जाता है। जब पुलिस उसे पकड़ती है, तो पूछताछ करती है और कहती है, ‘सच-सच बताओगे या फिर किसी और तरीके का इस्तेमाल करना पड़ेगा।’ फिर वह व्यक्ति पूरे राज खोलता है कि वह वास्तव में कैसे उस कमरे में आया, उसने क्या-क्या किया, वहां आने से पहले उसने शक्तिवर्धक गोलियां कैसे खाईं, और उस रात क्या कुछ हुआ था।
इसके बाद, पुलिस की जान में जान आती है। लेकिन, इस पूरी घटना से पूरा कानपुर दहल उठता है। इसके बाद यह मांग फिर से उठने लगती है कि क्या मोबाइल फोन बच्चों को बिगाड़ रहे हैं, या फिर उनका भला कर रहे हैं। इस मुद्दे पर बहुत से लोगों की अलग-अलग राय हैं। पहले से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस पर कई तरह के कमेंट्स चल रहे हैं। आज, हम आपसे भी पूछेंगे कि आखिर मोबाइल फोन को लेकर आपकी क्या राय है?”
“और जो यह घटना थी, इसमें ‘मोबाइल फोन’ की कितनी अहम भूमिका आपको नजर आती है? आजकल के बच्चे-बच्चियों और माता-पिता को भी इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है कि आखिर उनके बच्चे ‘मोबाइल फोन’ के साथ क्या कर रहे हैं, किससे बात कर रहे हैं, और किस तरीके की बातें कर रहे हैं। इन सभी बातों पर उन्हें निगरानी रखनी पड़ेगी। अब, हम आपको सुनाते हैं ‘पुलिस’ की तरफ से क्या बयान दिया गया है।
‘थाना क्षेत्र शिवराजपुर’ के एक गांव में अपने ही घर में मृत पाई गई ‘युवती’ के मामले में, ‘ह्यूमन इंटेलिजेंस’ और ‘सर्विलांस’ के माध्यम से एक ‘युवक’ को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार ‘युवक’ ने घटना में अपनी भूमिका स्वीकार की, जिसके आधार पर उसे ‘न्यायालय’ के समक्ष प्रस्तुत कर ‘जेल’ भेज दिया गया है।
आज की इस कहानी को लेकर आपकी अपनी ‘प्रतिक्रिया’ क्या है? उसे ‘कमेंट बॉक्स’ में जरूर लिखें, अपने नाम के साथ। ‘मोबाइल फोन’ को लेकर जैसा हमने पहले ही कहा था, आपकी इस पर क्या ‘प्रतिक्रिया’ है? आप क्या सोचते हैं, और कितनी उम्र तक बच्चों को ‘मोबाइल फोन’ नहीं देना चाहिए? या फिर, किस उम्र के बाद ‘मोबाइल फोन’ की जरूरत आपके हिसाब से लगती है?
मेरा नाम है ‘NITISH’। एक बार फिर नई कहानी के साथ कल हाजिर होंगे। तब तक के लिए दीजिए ‘इजाजत’। देखते रहिए ‘क्राइम कथा’ और दीजिए अपना ढेर सारा ‘प्यार’। ‘ARTICAL’ को ‘शेयर’ और ‘SUBSCRIBE’ करना बिल्कुल मत भूलिए। नमस्कार।“
जागरूकता बढ़ाने का उद्देश्य
इस घटना का उद्देश्य समाज को सचेत करना और जागरूकता फैलाना है। आपकी राय इस घटना के बारे में क्या है? कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। यदि यह लेख उपयोगी लगे, तो इसे शेयर करें और हमारे Website को सब्सक्राइब करें।
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