“Jaipur Looteri Dulhan: एक करोड़ की ठगी की कहानी, जानिए कैसे तीन पतियों को फंसाया1”

Jaipur Looteri Dulhan : नई, नवेली बहू आई थी, पति को अपने वश में कर लिया। तीन से चार दिन बाद ही, घर में कलेश शुरू हो गया। पति की पहले से दो संतानें थीं। शुरुआत में, वादा किया था कि आऊंगी आपके घर तो इन बच्चों को अपना बच्चा समझूंगी। लेकिन, तीन से चार दिन, पाँच दिन बाद, इन बच्चों को पीटना शुरू कर देती है। और, उसके बाद उनकी टाइमिंग निर्धारित कर देती है। कब सोना है, कब उठना है, कब क्या करना है।

दादा-दादी, जो होते हैं बच्चे के, वह परेशान हो जाते हैं। क्योंकि, छोटे बच्चे आकर कंप्लेन करते हैं कि जो नई वाली मम्मी है, यह बहुत मारती हैं, सोने नहीं देती, खाने नहीं देती, पीने नहीं देती। तमाम जैसी उनकी शिकायत बच्चों की रहती थी। वे कहते थे कि पिताजी तो सुनते ही नहीं हैं। तो, दादी-दादा आप कुछ कीजिए।

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दादी-दादा ने बातचीत की, तो बहू ने कह दिया कि ऐसा है कि घर से आप लोग निकल जाइए। अब, हम लोग रहेंगे। और, मन हो तो इनको भी लेकर जाइए, बच्चों को। फिर, उसके बाद दादी-दादा एक नई जगह पर अपनी एक नया मकान ले लेते हैं, किराए पर। और, वह रहते हैं। लेकिन, कुछ ही दिन बाद पता चलता है कि जो नई दुल्हन है, उस घर में उसके पति हैं, दो बच्चे हैं, उसी घर में चोरी हो जाती है। और, नई वाली दुल्हन का पता ही नहीं चलता कि आखिर वह गई कहाँ।

नमस्कार, मेरा नाम है दिव्यांशु। और, आप देख रहे हैं क्राइम कथा का आज एक नया एपिसोड। तमाम मैट्रिमोनियल साइट्स चलती हैं, जिनका प्रयोग करके लोग अपने लाइफ पार्टनर को ढूंढने की कोशिश करते हैं। कहते हैं कि शादी आपकी उन्हीं से होती है, जिनसे ऊपर वाले ने आपकी रेखा मिलाई रखी होगी। या, फिर आपके बारे में आप किससे मिलने वाले हो, किससे शादी ब्याह होगा, वह सब कुछ ऊपर वाले ने पहले से रचा होता है। लेकिन, कुछ नीचे वाले भी होते हैं, जो अपने हिसाब से कुछ और ही रच देते हैं।

यह मैट्रिमोनियल साइट्स, आजकल झांसा देने का भी एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन चुके हैं। उत्तराखंड की रहने वाली एक लेडी, जिसका नाम है निक्की। तस्वीरें आप देख रहे होंगे, बड़ी मासूम दिख रही है ये। यह मोहतरमा, विश्वास नहीं करेंगे, इनके चेहरे को देखकर। इन्होंने, तीन-तीन मर्दों को यानी, तीन-तीन पुरुषों को ठगा है, शादी के नाम पर।

"Jaipur Looteri Dulhan: एक करोड़ की ठगी की कहानी, जानिए कैसे तीन पतियों को फंसाया!"

यह शादी करतीं, तीन से चार महीने तक रहतीं। और, उसके बाद एक रिपोर्ट लिखवा देती थीं कि इनके साथ इनका पति अप्राकृतिक संबंध बनाता है। इसके अलावा, प्रताड़ित करता है, दहेज मांगता है। शादी के बाद, तमाम और इन पर जुल्म किए जाते थे। इनका आरोप रहता था, जो किसी और पर नहीं होते थे। यानी, आमतौर पर जो कानून है, उसका सहारा ये लेना चाहती थीं|

शुरुआत, ये आगरा से करती हैं। दो हज़ार तेरह (2013) में, आगरा के एक व्यापारी होते हैं, मशहूर व्यापारी। उनको ये अपना निशाना बनाती हैं। मैट्रिमोनियल साइट्स पर, उनको खोजती फिरती हैं कि यह बंदा तो काम का दिख रहा है। फिर, उसको मैसेज करती हैं। मैसेज में, रिप्लाई आता है। थोड़ा सा, वो भी इंटरेस्ट दिखाते हैं कि जो शादी अब बिखर गई थी, क्या पता, अब एक नई हमारी जिंदगी में कोई आना चाहती है और यही वह सही है। बातचीत को ये आगे बढ़ाती हैं।

कुछ दिन बाद, बात जो है, वह यहां तक पहुंच जाती है कि वह अपनी प्राइवेट चीजें भी इनके साथ डिस्कस करने लगते हैं। यह पता करने की कोशिश करती हैं कि आखिर उनके पास कितना खजाना है, कितनी संपत्ति के मालिक हैं, अमीर हैं या फिर गरीब। तो, जब पता चल जाता है कि सामने वाला अमीर और संपत्ति अच्छी-खासी है, तो तोते की तरह इनकी नजर उस पर टिक जाती थी कि “मिट्ठू मिया, मैं आ रही हूं।”

उसके बाद, शादी कर लेती हैं। शादी, बड़े धूमधाम से। दो-चार दिन, ऐसे रहतीं जैसे आमतौर पर पत्नियां रहती हैं। सेम वही जैसे नई नवेली दुल्हन आती है, तो घर-परिवार में सबका ख्याल रखती है। खाना-पकाना से लेकर, सबकी दवाइयों की टाइमिंग, पति की सेवा, तमाम ऐसी चीजें। और, कोई पकड़ भी नहीं पाता कि यह अगले ही महीने, यानी दो-दो से तीन महीने में, क्या कांड करके जाएगी।

इसके बाद, इनकी नजर रहती थी कि आखिर कैसे अपने पति को मोड़ा जाए, कैसे उसको लूटा जाए। हर वो प्रयास करतीं, हर अत्याचार अपनातीं। तीन से चार महीने बीते होंगे। व्यापारी के ऊपर, इन्होंने अप्राकृतिक सेक्स करने का आरोप लगा दिया। पुलिस ने, मामला दर्ज किया।

आम तौर पर, भारत में देखा जाता है कि महिलाओं की सुनवाई होती है। आरोप ऐसे लगते हैं कि पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा ध्यान दिया जाता है। अभी, हमने हाल-फिलहाल में, अतुल का केस देखा था। उसके बाद, पुलिस इनके तत्कालीन पति—यही कहा जा सकता है—को हिरासत में ले लेती है। फिर, उनकी गिरफ्तारी होती है और, वह जेल में ही रहते हैं। रिपोर्ट्स बता रही हैं कि वह अब भी जेल में हैं।

इसके बाद, चार साल तक, ये चुप बैठी रहती हैं। खोजती फिरती हैं कि आखिर कौन सा नया बकरा फंसा सकती हैं। ये साल दो हज़ार सत्रह (2017) आता है। गुरुग्राम के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर पर, इनकी नजरें टिक जाती हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर को, ये मैसेज भेजती हैं। उनका रिप्लाई आता है।

 

और वापस, दो हज़ार तेरह (2013) वाली घटना एक बार फिर से दोहराने लगती हैं। सारी कहानी, ठीक वैसी ही। उनके यहां भी, कुछ इसी तरीके के मामले हुए थे। यानी, जैसा मैंने पहले कहा कि या तो शादी हो चुकी थी किसी की और तलाक हो गया हो, या फिर पत्नी की शादी के बाद मृत्यु हो गई हो, या फिर वह अभी तक शादीशुदा ना हो। इसी तरीके के लोगों को, ये पकड़ती थीं।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ भी, शादी-विवाह हो जाता है। तीन से चार महीने, वहां भी रहती हैं। उसके बाद, उस पर भी सेम केस ठोक देती हैं। और, वहां से फिर निकल लेती हैं। पचहत्तर (75) लाख रुपए सेटलमेंट के नाम पर लेती हैं। आगरा वाले से, दस (10) लाख। गुरुग्राम वाले से, पचहत्तर (75) लाख।

"Jaipur Looteri Dulhan: एक करोड़ की ठगी की कहानी, जानिए कैसे तीन पतियों को फंसाया!"

फिर, एक बार फिर से, यह ऐशो-आराम की जिंदगी व्यतीत करती रहती हैं। और, वापस से मैट्रिमोनियल साइट पर चली आती हैं। साल, दो हज़ार तेईस (2023) का दिन आता है। दो हज़ार तेईस (2023) में, यह राजस्थान पहुंच जाती हैं।

राजस्थान के एक व्यापारी रहते हैं। स्वर्ण व्यापारी हैं, यानी आभूषण बनाने का काम करते हैं। वह ज्वेलर। उनसे, मैट्रिमोनियल साइट्स पर इनकी मुलाकात होती है। उसके बाद, वो भी इंटरेस्ट दिखाते हैं। अपने पिता को बताते हैं कि, “पिताजी, मेरी एक बार फिर से शादी करने की इच्छा है।”

पिता कहते हैं, “ठीक है। शादी तुम्हें करनी है, लड़की देख लो। अगर तुम्हें पसंद आती है, तो हमें बताओ।” यह फटाफट, पिता की इजाजत लेकर, उत्तराखंड पहुंच जाते हैं।

उत्तराखंड में, एक जगह है जहां पर यह रहती थीं। निक्की। मासूम सा चेहरा देखकर, उनको लगता है कि कितनी सुंदर दुल्हन उन्हें मिलने वाली है। जो उनका भरपूर ख्याल रखेगी।

उसके बाद, जो दुल्हन बनने वाली है, निक्की। यह अपने गैंग के साथ, जो इनके लोग हैं, परिजन हैं, उनके साथ किसी और के घर पर मुलाकात कराती हैं। ऐसा घर, जो बिल्कुल गरीब लगे। ऐसा लगे कि हां, वास्तव में, निक्की बड़ी शालीन स्वभाव की है। बहुत इज्जत करती हैं। और, जब दुल्हन बनकर जाएंगी, तो इनके घर को सुधार देंगी। इनके घर को स्वर्ग बना देंगी।

फिर, इसके बाद, बातचीत होती है। खाना-पकाना खिला कर, वापसी इनकी होती है राजस्थान में। और, फिर यह होता है कि अब लड़के को देख लो आप। या, लड़के के घर-परिवार को देख लो।

इनकी तरफ से भी लोग जाते हैं। और, कहते हैं, “हमें लड़का पसंद है।” क्योंकि, भाई, लड़का ज्वेलरी शॉप वाला है। तो, इनका तो काम पहले हो गया।

शादी करके आती हैं। उसके बाद, तीन से चार दिन तक बढ़िया से रहती हैं। जिस व्यक्ति से शादी हुई है, उसकी पहले शादी टूट चुकी थी। यानी, पत्नी उनकी जा चुकी थी। और, दो बच्चे-बच्चियां थीं उनके पास।तो, यह हुआ था कि ऐसी पत्नी मिले, जो इनकी सेवा कर सके। इनकी देखभाल कर सके। और, पति की भी सेवा कर सके।

निक्की, दो से तीन दिन तक, बहुत बढ़िया से रहती हैं। ऐसा लगता है कि नई नवेली दुल्हन। और, इन बच्चों को, जो है, एक नई मां मिल गई है। लेकिन, दो से तीन दिन के बाद, ऐसी पिटाई बच्चों की, एक बार, दो बार कर देती हैं कि फिर बच्चे भी सहम जाते हैं कि यह मां नहीं, कोई और है।

वह अपने दादा-दादी को, यानी निक्की के सास-ससुर को, कंप्लेन करते हैं कि “बहुत मारती है नई वाली मां।” वे लोग बातचीत करते हैं, निक्की और उनके हस्बैंड से। तो वह कहते हैं कि, “अब मैं कैसे कहूं?” क्योंकि पत्नी सुंदर मिली थी। तो वह कैसे कहते कि, “नहीं, आपकी गलती है।” चुपचाप पड़े थे। पत्नी का मोह था।

इसके बाद, दादा-दादी खुद कहते हैं कि, “ऐसा करिए कि आप लोग इसी कमरे में रहिए। हम ही अलग हो जाते हैं। और आप लोग अच्छे से रहिए।” बस फिर क्या था? निक्की के लिए बहुत अच्छा समय था।

सीमा अग्रवाल इनका नाम है। निक्की भी उपनाम है इनका। इसके बाद, निक्की के लिए तो बहुत बढ़िया मौका बन गया। अब तो कोई नहीं है। पति जैसे ही बाहर जाएगा, बच्चे स्कूल जाएंगे, वैसे ही अपना रफूचक्कर लेंगी। और यही काम वो करती भी हैं।

छह (6) लाख रुपए के गहने, एक दिन लेकर, तीन से चार महीने बाद, ये उस घर से फरार हो जाती हैं। जब पति को यह बात पता चलती है, तो वह एकदम बेसुध पड़ गए। उनके पास तो कोई होश ही नहीं रहा।

वह अपने माता-पिता को फोन करते हैं कि, “आप लोग जल्दी से अपने घर आइए। ऐसा-ऐसा कांड हुआ है।” माता-पिता भी भाग-दौड़ करके आते हैं। और, उसके बाद उन्हें पता चलता है कि बहू तो लूट कर चली गई।अब सुनते हैं, आखिर जो परिजन हैं, उनका क्या कहना है।

“मेरे बड़े बेटे सुमित की शादी सीमा से हुई। वह शादी डॉट कॉम पर उसने प्रोफाइल डाली। और, शादी डॉट कॉम के थ्रू ही शादी हुई। उनका फिर फोन आया, ‘भाई, आप मुझे पसंद हो। मैंने आपकी वह फाइल-वाइल देखी।’ तो, उस समय तक तो मेरे बच्चे ने कुछ बताया नहीं। बाद में उसने बताया, ‘पापा, यह एक बायोडाटा आया है।’ तो मैंने उसको देखा। भाई, मेरे को कोई दिक्कत नहीं। आप इसको देख लो। पहले जाकर अगर आपको यह पसंद है, घर-बार देख लो। और, अपने को गरीब बच्ची चाहिए, जो तेरे दोनों बच्चों की परवरिश कर सके।”

तो उन्होंने कहा, “भाई, हम जाकर आए हैं। मैं देख के आता हूं।” वह देहरादून गया। उनके घर पर गया। तो वह दूसरे घर पर ले गईं। बोले, “जहां वह पत्ताशी-पत्ताशी बनाने का काम चल रहा था।” बोले, “यही हमारा घर। हम तो यही गरीब आदमी हैं।” ऐसे कहके, उसको खाना-वाना खिलाने होटल ले गईं।

फिर, वहां से वह आ गया। वो आकर बोला, “हमको पसंद है। आपका लड़का। हम शादी कर दो।” यहां जयपुर आकर शादी कर ली। साहब, हम तो एकदम भले मानुस।इसके बर्ताव से कुछ समझे कि भाई, यह ठीक नहीं है। लड़की, हम इसके पास नहीं रह सकते।

सुना आपने? कुछ इसी तरीके से, यह पूरी कहानी सीमा अग्रवाल रचती रही। उर्फ निक्की रचती रही। और, हर बार, नए-नए मर्दों की तलाश करती थी। और, जैसे मैंने पहले बताया, ऐसे मर्द जो शादीशुदा हों, उनकी शादी टूट चुकी हो, या फिर उनकी पत्नी एक्सपायर कर गई हो।

ऐसे लोग, बड़े ही आसानी से, इनके झांसे में आ जाते थे। लेकिन, पहली प्लानिंग इनकी हुआ करती थी। पहली कड़ी यह होती थी कि वह वास्तव में कोई बड़ा व्यापारी हो, बिजनेसमैन हो, या फिर नौकरी ऐसी हो जिसमें पैसा ही पैसा हो।और, फिर वापस से लूट करके, उन पर एफआईआर करके, उन पर केस करके, उनसे सेटलमेंट के नाम पर पैसे लेती हैं।

और वापस, क्योंकि गुरुग्राम और आगरा वाले अपने पहले और दूसरे पति को यह जेल भिजवा चुकी थी और उनसे सेटलमेंट के नाम पर पचहत्तर (75) लाख रुपए आगरा वाले से, दस (10) लाख रुपए गुरुग्राम वाले से, और फिर छियासठ (66) लाख रुपए के गहने और ज्वेलरी जयपुर वाले से ऐंठे थे।

यानी, कुल मिलाकर तकरीबन एक करोड़ दो (1,02,00,000) लाख रुपए इन्होंने दस सालों में ऐंठे। और दस सालों में, कोई नौकरी करता तो शायद बड़ी मेहनत से वह दो, चार, दस, या बीस (10-20) लाख रुपए ही जुटा पाता। लेकिन निक्की ने एक करोड़ पच्चीस (1,25,00,000) लाख रुपए आराम से जुटा लिए।

इस कहानी को लेकर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? उसे कमेंट बॉक्स में अपने नाम के साथ लिखिए।कल की कहानी आप सबने देखी। उसमें हमने यह बताने की कोशिश की थी कि मोबाइल आजकल के युवाओं को किस तरीके से भटका रहा है। क्योंकि उसका सही से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।

अठारह (18) साल से कम उम्र के जो बच्चे हैं, वह अपने फोन का इस्तेमाल गलत तरीके से ही कर पा रहे हैं। क्योंकि उनकी संगति या फिर उनके परिजन उन्हें सही तरीके से उन मोबाइल का इस्तेमाल करने की कला नहीं सिखा पा रहे। या फिर उनको वैसा ज्ञान नहीं दे पा रहे हैं। ढेर सारे प्यार के लिए आपका बहुत शुक्रिया। एक नई कहानी के साथ कल फिर हाजिर होंगे। अपना बहुत ख्याल रखिएगा।

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