Tax Rules For Saving Account AY 2025-26 | Saving Account में कितना पैसा जमा कर सकते हैं?
New Income Tax Rules : सेविंग अकाउंट और इनकम टैक्स नियम
New Income Tax Rules : आज लगभग हर व्यक्ति के पास सेविंग अकाउंट है और कई लोगों के पास एक से अधिक खाते भी होते हैं। लेकिन हाल के समय में इनकम टैक्स विभाग ने सेविंग अकाउंट से जुड़े ट्रांजैक्शंस पर सख्ती बढ़ा दी है।
गलत जानकारी या लिमिट से अधिक कैश डिपॉजिट/विड्रॉल करने पर टैक्स नोटिस आ सकता है। इसलिए सेविंग अकाउंट से संबंधित टैक्स नियमों की जानकारी होना जरूरी है।
सालाना कैश डिपॉजिट और विड्रॉल की सीमा
आयकर विभाग के अनुसार एक वित्तीय वर्ष में सेविंग अकाउंट में ₹10 लाख तक कैश डिपॉजिट या विड्रॉल करने की अनुमति है। अगर आप इस सीमा से अधिक कैश ट्रांजैक्शन करते हैं तो बैंक इसकी सूचना इनकम टैक्स विभाग को भेज देता है। यह लिमिट पूरे वित्तीय वर्ष में सभी ट्रांजैक्शंस को मिलाकर गिनी जाती है, चाहे वो एक ही बार में जमा किया जाए या कई बार में।
New Income Tax Rules : बैंक और पैन कार्ड की भूमिका
New Income Tax Rules : यदि आपके खाते से ₹10 लाख से अधिक कैश ट्रांजैक्शन होता है और आपका पैन कार्ड उस खाते से लिंक है तो बैंक स्वतः ही इसकी रिपोर्ट इनकम टैक्स विभाग को भेज देता है। बाद में टैक्स विभाग आपके आईटीआर से इन ट्रांजैक्शंस को मिलाकर जांच करता है।
एक दिन की डिपॉजिट लिमिट
एक दिन में ₹2 लाख तक कैश जमा किया जा सकता है। अगर आप इससे अधिक राशि जमा करते हैं तो बैंक इसे भी रिपोर्ट कर सकता है। इसीलिए बड़े कैश ट्रांजैक्शंस से बचना बेहतर है।
New Income Tax Rules : मल्टीपल अकाउंट का उपयोग
आरबीआई और इनकम टैक्स विभाग ने सेविंग अकाउंट की संख्या पर कोई रोक नहीं लगाई है। यानी आप चाहें तो कई सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, ज्यादा अकाउंट्स संभालना कठिन हो सकता है और ट्रांजैक्शंस को लेकर पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी है।
कैश विड्रॉल पर नियम
साल भर में ₹10 लाख से अधिक कैश निकासी करने पर भी बैंक रिपोर्ट करता है। यदि यह राशि कई खातों से मिलाकर निकाली गई है, तब भी टैक्स विभाग जांच कर सकता है।
New Income Tax Rules : UPI ट्रांजैक्शन पर नियम
UPI ट्रांजैक्शंस पर इनकम टैक्स विभाग की कोई तय सीमा नहीं है। आप जितना चाहें पैसा भेज सकते हैं। लेकिन रिसीव करने पर ध्यान देना जरूरी है। बिजनेस का पैसा सेविंग अकाउंट में लेना टैक्स नियमों का उल्लंघन है।
बिजनेस ट्रांजैक्शन का खतरा
सेविंग अकाउंट सिर्फ व्यक्तिगत उपयोग के लिए होता है। यदि आप दुकान या बिजनेस का पैसा सेविंग अकाउंट में लेते हैं तो इनकम टैक्स विभाग इसे गलत मानता है और नोटिस भेज सकता है। बिजनेस के लिए हमेशा करंट अकाउंट का उपयोग करें।
टैक्स नोटिस क्यों आता है?
जब बैंक आपके ट्रांजैक्शन की रिपोर्ट इनकम टैक्स विभाग को भेजता है तो विभाग आपके आईटीआर से इनका मिलान करता है। यदि कोई असंगति या संदिग्ध ट्रांजैक्शन दिखाई देता है तो नोटिस आ सकता है।
नोटिस का मतलब क्या है?
इनकम टैक्स नोटिस का मतलब हमेशा यह नहीं होता कि आपने गलती की है। यह केवल आपके ट्रांजैक्शन की स्पष्टीकरण (Clarification) मांगने के लिए होता है। यदि आप सही दस्तावेज़ और कारण बताते हैं तो कोई समस्या नहीं होगी।
New Income Tax Rules : पेनल्टी का प्रावधान
यदि आप ट्रांजैक्शन का स्रोत नहीं बता पाते हैं तो इनकम टैक्स विभाग इसे Unexplained Cash Credit मान सकता है और इस पर भारी पेनल्टी (400% तक) लगाई जा सकती है।
बचाव के तरीके
- कैश ट्रांजैक्शन कम से कम करें।
- सभी इनकम सोर्स को आईटीआर में सही तरीके से दिखाएं।
- बिजनेस और व्यक्तिगत अकाउंट अलग रखें।
- ₹2 लाख से अधिक कैश ट्रांजैक्शन से बचें।
मल्टीपल अकाउंट के फायदे और नुकसान
अलग-अलग बैंक अकाउंट रखने से ऑफ़र, लिमिट और सुविधा मिलती है। लेकिन अकाउंट मैनेजमेंट मुश्किल हो जाता है और टैक्स रिपोर्टिंग जटिल हो सकती है। इसलिए जरूरी हो तभी अतिरिक्त अकाउंट खोलें।
ITR फाइल करना जरूरी
अगर आपके अकाउंट में बड़े ट्रांजैक्शन होते हैं तो आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है। इससे टैक्स विभाग को आपकी आय का सही स्रोत पता चलता है और नोटिस का खतरा कम होता है।
डिजिटल पेमेंट का महत्व
कैश की बजाय डिजिटल पेमेंट का उपयोग करना हमेशा सुरक्षित और पारदर्शी होता है। इससे न केवल ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड बनता है बल्कि टैक्स विभाग को भी आपकी आय स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
नियमों का पालन क्यों जरूरी है?
इनकम टैक्स के नियम आपकी सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए बनाए गए हैं। यदि आप नियमों का पालन करते हैं तो कभी भी नोटिस का डर नहीं रहेगा और आपकी वित्तीय छवि भी सुरक्षित रहेगी।
निष्कर्ष
Saving Account के टैक्स नियम AY 2025-26 में काफी सख्त हो गए हैं। इसलिए यदि आप ₹10 लाख से अधिक कैश डिपॉजिट/विड्रॉल करते हैं, बिजनेस का पैसा सेविंग अकाउंट में लेते हैं या बिना ITR फाइल किए बड़े ट्रांजैक्शन करते हैं तो टैक्स विभाग से नोटिस आ सकता है। सही नियमों का पालन करके आप बेवजह की परेशानी से बच सकते हैं।